हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,संस्थापक तंज़ीमुल मकातिब मौलाना सैय्यद गुलाम अस्कारी र.ह. के भतीजे सैय्यद बाकीर अस्कारी मरहूम के परिवार की ओर से उनके घर सरफराजगंज लखनऊ में मजलिस की गई
मजलिस से पहले दीनी विद्यार्थियों ने कुरान खावानी की उसके बाद शेर पेश किए गए
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैय्यद सफी हैदर जै़दी सेक्रेटरी तंजीमुल मकातिब ने रसूल अल्लाह स.ल.व.व. की मशहूर हदीस (फातिमा मेरे जिस्म का हिस्सा है)लोगों के सामने पेश करते हुए तफ्सील से गुफ्तगू की उन्होंने इस हदीस पर बहस करते हुए फरमाया कि हज़रत फातेमा स.ल.केवल महिलाओं के लिए बल्कि पुरुषों के लिए सुंदरता का एक आदर्श है।
तंज़ीमुल मकातिब के सचिव ने कहा कि इसालो सवाब का तरीका सिर्फ मजलिस बरपा करना और खाना खिलाना ही नहीं है बल्कि नमाज़े जमात कायेम करके भी मरहूमीन को इसका सवाब पहुंचाया जा सकता है। रीति रिवाज रस्मों को दीन का नाम देकर अंजाम देना इंसान को या तो किसी वाजीब से महरूम कर देता है। या किसी मुस्ताहब काम से भी दूर कर देता है।
मजलिस के अंत में मौलाना ने हज़रत फातेमा ज़हेरा स.ल.के मसायेब को बयान करते हुए मरहूम के लिए और मरहूम के परिवार के लिए दुआ की,
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/01/24/4/1377937.jpg)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/01/24/4/1377940.jpg)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/01/24/4/1377939.jpg)
![](https://media.hawzahnews.com/d/2022/01/24/4/1377938.jpg)